भारतीय फ़िल्म निर्माता और निर्देशक करण जोहर ने अपनी फ़िल्म 'कुछ कुछ होता है' में एक सीन शामिल की थी जो कुछ समय से सिख समुदाय के बीच विवाद का विषय बन गया है। इस सीन में, एक बच्चा एक सिख परिवार को चिढ़ाता है और उसके सिख पिता की पगड़ी उतार लेता है।
इस सीन के विरोध में सिख समुदाय के कई संगठनों ने आपत्ति जताई है और कहा है कि यह सीन सिखों के भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और उन्हें अपमानित करता है। उनका दावा है कि यह सीन सिख समुदाय की मानसिकता को नकारात्मक तरीके से प्रदर्शित करता है और उनके सांस्कृतिक भाग्य का मज़ाक उड़ाता है।
विवाद के बाद, करण जोहर ने संशोधन करके इस सीन को फ़िल्म से हटा दिया है और माफ़ी मांगी है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका मकसद किसी धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और वे
अपनी गलती के लिए खेद प्रकट करते हैं। सिख समुदाय के नेता और बॉलीवुड जगत के अन्य कलाकारों ने उनकी माफ़ी को स्वीकार किया है और मामले को समाप्त करने की अपील की है।
इस विवाद ने फ़िल्म उद्योग को धार्मिक समुदायों के साथ संवेदनशील होने की ज़रूरत को उजागर किया है और सिनेमा के संबंध में सांस्कृतिक आपसी समझभेदों की महत्वपूर्णता को प्रतिस्थापित किया है। इस घटना ने फ़िल्म निर्माताओं और निर्देशकों को ध्यान देने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत प्रदान किया है कि उनकी फ़िल्मों में धार्मिक समुदायों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान होना चाहिए।